कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के साथ ही बाजार खोलने की मांग भी होने लगी है। चैंबर्स ऑफ ट्रेड एंड ट्रेडर्स (सीटीआई) की तरफ से कराए गए सर्वे में 80 फीसदी व्यापारियों ने एक जून से दिल्ली में बंदी खोलने को लेकर अपना पक्ष रखा है।
दिल्ली में कोरोना के कारण दिल्ली सरकार ने 31 मई तक के बंदी की घोषणा की है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार हर हफ्ते स्थिति की समीक्षा करके एक हफ्ते के लिए बंदी बढ़ा रही है, जो अभी तक संतुलित निर्णय रहा है। ऐसे में अब आने वाले सोमवार को बंदी की अवधि खत्म हो रही है। इसलिए हमने दिल्ली के तमाम व्यापारी संगठनों के बीच एक सर्वे कराया है, जिसमें दिल्ली के लगभग 560 व्यापारी संगठनों ने हिस्सा लिया। सीटीआई के कोषाध्यक्ष सुधीर जैन और उपाध्यक्ष नवदीप मल्होत्रा ने बताया कि 560 संगठनों में से लगभग 450 संगठनों ने कोरोना केस और संक्रमण दर में गिरावट को देखते हुए एक जून से बंदी खत्म करते हुए बाजार और फैक्ट्रियों को खोलने की अनुमति मांगी है। हालांकि कुछ व्यापारी संगठनों ने कहा कि बंदी को अभी और एक सप्ताह बढ़ाने की जरूरत है। कुछ संगठनों ने कहा कि सरकार जो भी निर्णय लेगी वो उसके साथ हैं।
बृजेश गोयल ने कहा कि सर्वे में कुछ व्यापारी संगठनों का कहना है कि ऑड- ईवन के आधार पर बाजारों को खोला जाए तो कुछ संगठनों का कहना है कि थोक और खुदरा बाजारों को खोलने के लिए समय अलग अलग हो। कुछ संगठनों का सुझाव था कि हफ्ते में पांच दिन ही दुकानें खुले और शनिवार, रविवार को पूर्ण रूप से बंदी हो। सर्वे में रात्रि कर्फ्यू जारी रखने की मांग व्यापारी संगठनों की तरफ से की गई है।