आखिर क्यों यूएई के दो खिलाड़ियों पर आईसीसी ने लगाया आठ साल का प्रतिबंध
आईसीसी ने गुरुवार को यूएई के दो खिलाड़ियों आमिर हयात और अशफाक अहमद पर आठ साल का प्रतिबंध लगाया है। दरअसल, इन दोनों खिलाड़ियों को मैच फिक्सिंग का दोषी पाया गया है। बता दें कि ये दोनों खिलाड़ी भारतीय सट्टेबाज के साथ मिलकर अपने देश में टी-20 विश्व कप क्वालीफाइंग राउंड के मैच को फिक्स करने की कोशिश में थे। इस बात को उन्होंने खुद स्वीकार किया है।आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी पंचाट ने पाकिस्तान में जन्में इस दोनों क्रिकेटरों को 13 सितंबर 2020 को आरोपित किया था और उनकी सजा उसी दिन से लागू होगी।
आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘यह प्रतिबंध 13 सितंबर 2020 से लागू होगा जब उन्हें यूएई में आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप क्वालीफायर 2019 से जुड़े भ्रष्ट आचरण के लिए अस्थाई रूप से निलंबित किया गया था।’ दोनों क्रिकेटरों ने भारतीय सट्टेबाज से संयुक्त अरब अमीरात के 15,000 दिरहम (लगभग 4083 डॉलर) लिए। क्वालीफाइंग दौर के मुकाबले फिक्स करने के लिए आईसीसी के आरोप पत्र में इस सट्टेबाज की पहचान मिस्टर ‘वाई’ के रूप में की गई है। हयात तेज गेंदबाज जबकि अहमद बल्लेबाज हैं।
आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के दोनों पर पांच आरोप लगाए गए जिसमें भ्रष्टचार संपर्क का खुलासा करने में नाकाम रहना, अनुचित तरीके से मैच के नतीजे को प्रभावित करना और 750 अमेरिकी डॉलर से अधिक का तोहफा स्वीकार करना भी शामिल है। आईसीसी के फैसले में यह भी जिक्र किया गया है कि हयाता और अहमद ने आईसीसी द्वारा आयोजित क्रमश: चार और तीन भ्रष्टाचार रोधी शैक्षिक सत्र में हिस्सा लिया। फैसले में यह भी कहा गया है कि दोनों खिलाड़ियों और भारतीय भ्रष्टाचारी के बीच वट्सऐप पर संदेश साझा किए गए लेकिन निर्धारित तिथि पर मुलाकात नहीं हुई।