देहरादून – आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय भट्ट ने एक बयान जारी करते हुए हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग के नाम पर हुए बड़े फर्जीवाड़े पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तराखण्ड सरकार की तरफ से कुंभ मेले के दौरान कराई गई कोविड टेस्टिंग में प्राइवेट लैब्स ने कागजों में कोरोना जांच दिखाकर जमकर लूट मचाई और 1 लाख से अधिक फर्जी रिपोर्ट जारी कर दी।
भट्ट ने कहा कि, फर्जी नाम और पता दिखाकर नकली टेस्टिंग दिखाई गईं। 50 से अधिक लोगों को रजिस्टर्ड करने के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया और एक ही घर से 500 से अधिक सैंपल लिए गए। उन्होंने कहा कि, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि, एक एंटीजन टेस्ट किट ही से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई, जबकि हैरानी वाली बात ये है कि, जांच करने वाली एजेंसी और लैब्स में रजिस्टर्ड 200 सैंपल कलेक्टर्स, कभी हरिद्वार गए ही नहीं। उन्होंने कहा कि, खुलासे के बाद ये बात सामने आई हैं कि, सभी सैंपल कलेक्टर्स छात्र, डेटा एंट्री ऑपरेटर बाहरी प्रदेशों के हैं।आप प्रवक्ता ने बताया कि, हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक आयोजित कुंभ की अवधि में 9 एजेंसियों और 22 प्राइवेट लैब्स की तरफ से लगभग चार लाख कोरोना टेस्ट किए गए, और एक टेस्ट के लिए उन्हे 350 रुपए से अधिक का भुगतान सरकार ने किया। जिसका स्पष्ट तौर पर ये निष्कर्ष निकलता है कि, इस खेल में करोंडो रुपये का घोटाला हुआ। उन्होंने कहा कि कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की जान की सुरक्षा और कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कोरोना टेस्ट का दायरा बढ़ाया था, ताकि कोई भी संक्रमित मेला क्षेत्र में प्रवेश न करे, लेकिन लैब्स ने टेस्टिंग को सिर्फ कागजों तक ही सीमित रखा और कुंभ में आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हुए और कई की जान चली गई, तो आखिर किसकी शह पर लैब्स और एजेंसियों ने हवा हवाई टेस्टिंग की इसकी जांच की जानी चाहिए।