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भाजपा के प्रमुख सलाहाकार रावत की ताजपोशी पर आप प्रवक्ता “संजय भट्ट” ने  उठाए सवाल

Dehradun - Aam Aadmi Party spokesperson Sanjay Bhatt has raised many questions over the appointment of former IFS RBS Rawat, who was appointed as the chief advisor to Uttarakhand Chief Minister Tirath Singh Rawat. Sanjay bhatt Raised the question, when RBS Rawat was the chairman of Uttarakhand Sub-Ordinate Service Commission, during that time, during his tenure, recruitment of 298 Gram Panchayat Development Officers was found rigged in the examination, due to which he has to resign If it was lying there, now Vigilance is being investigated in this case. Vigilance is still investigating this case after writing cases under serious sections of the IPS and Prevention of Corruption Act. AAP party spokesperson Sanjay Bhatt questioned the coronation of RBS Rawat and said that, the investigation that is going on against him is not over yet, the corruption which has not been patented yet, how about its even zero tolerance The BJP, who is talking, can put the officer involved in such investigations on such a large rank of CM advisor. AAP spokesperson Sanjay Bhatt said that, in 2016, when it was rigged, during that time, the BJP had made a fierce protest against the Harish Rawat government, and today the same BJP, without finishing the investigation of such officer, placed him in such a big post Has been done He said that, the character of the BJP party is clear from the fact that, the BJP is adept at manipulating politics and manipulation on every issue. AAP spokesperson said that, RBS Rawat is the Chief Advisor to the Chief Minister today and while holding this post, he can also influence the investigation of vigilance, so the government should immediately take cognizance in this matter, so that the 2016 scandal The government should take full care to deal with the matter and Vigilance can reach a final result without any pressure. Along with this, the AAP spokesperson accused the BJP that, BJP and Sangh leaders were already aware of this, but despite this, they crowned Rawat on this post, behind which the difference between BJP's action and statement Is seen. AAP spokesperson Sanjay Bhatt said that in the investigation against RBS, the committee had come to the conclusion that the candidates had been tampering in copies with intentional conspiracy, after which the committee recommended that it should be renewed by canceling the examination. After that, RBS Rawat had to resign from the post of chairman. After the resignation of RBS Rawat, the new Chesserman of this commission recommended a forensic investigation on the whole matter as soon as he took charge, and the inquiry report from Lucknow mentioned that it was deliberately to benefit someone in the copies. Tempering was done. While making the statement, he also demanded from the government that RBS Rawat should be relieved from his post immediately, and that such an officer should be given the responsibility of this post, who understood the dignity of this post and the development of the state. Was able to contribute significantly.

देहरादून – उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के प्रमुख सलाहाकार के रुप में नियुक्त हुए पूर्व आईएफएस आर.बी.एस.रावत की नियुक्ति पर आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय भट्ट ने कई सवाल उठाए है । संजय भट्ट ने सवाल खड़ा करते हुए कहा,  जब आरबीएस रावत उत्तराखंड सब ऑर्डिनेट सर्विस कमीशन के चेयरमैन थे ,तो उस दौरान उनके कार्यकाल में 298 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों  की भर्ती परीक्षा में धांधली पाई गई थी ,जिस कारण जहां एक ओर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पडा था तो वहीं ,अब तब इस मामले में विजिलेंस की जांच चल रही है । आईपीएस और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखने के बाद विजिलेंस आज भी इस मामले की जांच में जुटी है। आप पार्टी प्रवक्ता संजय भट्ट  ने  आरबीएस रावत की ताजपोशी पर सवाल उठाते हुए कहा कि, उनके खिलाफ अभी तक जांच चल रही जो  जांच अभी तक खत्म नहीं हुई है,जिस भ्रष्टाचार का अभी तक पटापेक्ष नहीं हुआ है आखिर कैसे इसके बावूजद भी   जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली बीजेपी ,ऐसे जांच में शामिल अधिकारी को सीएम सलाहकार के  इतने बडे ओहदे पर बिठा सकती है।

आप प्रवक्ता संजय भट्ट ने कहा कि, 2016 में जब ये धांधली हुई थी तो उस दौरान बीजेपी ने ही हरीश रावत सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला था, और आज वही बीजेपी ऐसे अधिकारी की जांच खत्म हुए बगैर ही ,उन्हें इतने बडे पद पर बिठा चुकी है। उन्होंने कहा कि, बीजेपी पार्टी का चरित्र इस बात से साफ जाहिर होता है कि, बीजेपी हर मुद्दे पर राजनीति और हेर फेर करने में माहिर है। आप प्रवक्ता ने कहा कि, आरबीएस रावत आज मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार हैं और इस पद पर रहते हुए वो विजिलेंस की जांच को भी प्रभावित भी कर सकते हैं ,ऐसे में सरकार को तुंरत इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए ,ताकि 2016 में हुई धांधली का मामला निपट सके और विजिलेंस  बिना किसी दबाव के किसी फाईनल नतीजे पर पहुंच सके इसके लिए सरकार को पूरा ध्यान रखना चाहिए।

इसके साथ ही आप प्रवक्ता ने  बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, बीजेपी और संघ के नेताओं को इस बारे में पहले से ही जानकारी थी ,लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने इस पद पर रावत की ताजपोशी की जिसके पीछे बीजेपी की करनी और कथनी में अंतर नजर आता है ।आप प्रवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि  आरबीएस के खिलाफ जांच में  समिति इस नतीजे पर पहुंची थी कि अभ्यर्थियों  की काॅपियों में जानबूझ कर साजिश के तहत, टेम्परिंग की गई थी,जिसके बाद समिति ने ये सिफारिश की, कि परीक्षा रद्द करते हुए उसे नए सिरे से करवाया जाए जिसके बाद आरबीएस रावत को चेयरमैन के पद से इस्तीफा देना पड़ा था । आरबीएस रावत के  इस्तीफे के बाद इस कमीशन के नए चेसरमैन ने अपना चार्ज संभालते ही इस पूरे मामले पर फाॅरेंसिक जांच की सिफारिश की,और लखनउ से जो जांच रिपोर्ट आई उसमें इस बात का जिक्र था कि काॅपियों में जानबूझ कर किसी को फायदा दिलाने के लिए  टेम्परिंग की गई थी।

वहीं बयान देते हुए उन्होंने सरकार से ये मांग भी की, कि फौरन आरबीएस रावत को उनके पद से अवमुक्त किया जाए , और एक ऐसे अधिकारी को इस पद की जिम्मेदारी दी जाए,जो इस प–द की गरिमा को समझते हुए प्रदेश के विकास में अपना अहम योगदान दे सके।

 

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