संवाददाता(नैनीताल) : राज्यभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा मामले देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में सामने आ रहे हैं। कोरोना का बढ़ता ग्राफ जहां सरकार और स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ा रहा है। वहीं, आम लोग भी चिंतित नजर आ रहे हैं। मामलों के बढ़ने के साथ व्यवस्थाएं भी पटरी से उतरती नजर आ रहे हैं। जैसे-जैसे केस बढ़ रहे हैं। वैसे-वैसे लापरवाही भी देखने को मिल रही है।
स्थिति यह है कि नैनीताल जिले खासकर हल्द्वानी में कोरोना सैंपल देने के बाद संदिग्धों की कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। कई लोग ऐसे हैं, जो कोरोना जांच के लिए सैंपल दे चुके हैं। ऐसे लोगों को रिपोर्ट आने तक कोविड केयर सेंटर या होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए। मगर स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन वालों से शपथ भराने भर की खानापूर्ति कर आंख मूंद ले रहा है। ऐसे लोग न सिर्फ अपने रोजाना के कामकाज, बल्कि रिपोर्ट लेने खुद सीएमओ कैंप दफ्तर तक घूम रहे हैं।
नैनीताल जिले में रोजाना करीब 1200 सैंपलों के बावजूद 221 क्वारंटाइन सेंटरों में मात्र 65 लोग भर्ती हैं। कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की 9 टीमें मास सैंपलिंग कर रही है। हल्द्वानी के अलावा लालकुआं, कोटाबाग, कालाढूंगी समेत कई जगह लोगों के कोरोना सैंपल लिए जा रहे हैं।
ऐसे लोगों को रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहना है। ज्यादातर लोग घर पर रिपोर्ट का इंतजार करने के बजाए जगह-जगह घूम रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग महज शपथ पत्र भरा लेने भर से इस अंदाजे में है कि ऐसे लोग होम आइसोलेशन में होंगे। मगर इसका धरातल पर कोई असर नहीं दिख रहा है।