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राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दून अस्पताल में लगवाया कोरोना का टीका !

देहरादून: राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को दून अस्पताल के नए भवन में कोरोना का टीका लगवाया। उन्होंने कोई वीआइपी ट्रीटमेंट न लेते हुए आम लोग के लिए बने हर नियम का पालन करते हुए टीका लगवाया। इस दौरान उनकी माता कमला रानी मौर्य और पति प्रदीप मौर्य ने भी टीके की पहली डोज ली। तीनों लोग आधे घंटे की ऑब्जर्वेशन पूरी होने के बाद ही अस्पताल से बाहर गए। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि टीका जीवन रक्षक है, अपनी बारी आने पर हर कोई जरूर टीका लगवाए। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी दून अस्पताल में टीका लगवाने पहुंचे। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य करीब साढ़े 11 बजे अपने परिवार के साथ दून अस्पताल, जिसके बाद उन्हें टीके की पहली डोज लगाई गई। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह टीका लगवा कर बेहद गौरांवित महसूस कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वैज्ञानिकों, डॉक्टर्स, मेडिकल स्टॉफ समेत अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स का भी आभार जताया। कहा कि सभी के अथक प्रयासों से कोरोना पर विजय की ओर है और सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को देशभर में चलाया जा रहा है। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने, दो गज की दूरी बनाए रखने, सैनिटाजेशन का ध्यान रखने समेत अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करने की अपील भी की। इस दौरान उन्होंने महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति बहुगुणा से राज्य में कोरोना एवं टीकाकरण की पूरी स्थिति का जायजा भी लिया। स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि 39196 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। इसमें 60 वर्ष से अधिक के 11752 लोगों एवं 45 से 49 वर्ष की आयु वर्ग के 581 लोग शामिल हैं। एक दिन में प्रदेश में 205 जगहों पर टीका लग रहा है। कुल 86797 हेल्थ केयर वर्कर्स, 72507 फ्रन्ट लाइन वर्कर्स को कोरोना टीके की पहली डोज लग चुकी है। उधर,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत शाम सवा पांच बजे करीब दून अस्पताल के नए भवन में टीके की पहली डोज लगवाने पहुंचे। उन्होंने प्रदेश के लोग से अपील की कि अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगाएं एवं किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। इस दौरान स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एसके गुप्ता, सीएमओ डॉ. अनूप डिमरी, प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, एमएस डॉ. केसी पंत, डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री, आदि मौजूद रहे।
राज्यपाल को टीका लगने के दौरान प्रोटोकॉल एवं वीआइपी कार्यक्रम के चलते मरीजों को अस्पताल के बाहर इंतजार करना पड़ा। पंजीकरण एवं दवा वितरण भी इस दौरान बंद रहा। कई लोग ने इस पर आपत्ति भी जताई। दूसरी ओर कुछ मरीजों अस्पताल से बाहर आने के लिए भी इंतजार करना पड़ा। को गेट लगाकर अंदर ही बंद रखा। हालांकि, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि मरीजों को दूसरे रास्ते से ओपीडी में भेजा गया और पंजीकरण थोड़ी देर में ही शुरू कर दिये गये।

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