संवाददाता(देहरादून): राजस्व के लिहाज से बेहद अहम आबकारी महकमे में सरकारी पैसा जमा करना चुनौती बनता जा रहा है। कोविड काल में सरकार ने छूट भी दी बावजूद इसके पैसा जमा नही हो पा रहा है। कुछ जिलो में ठेका आवंटन के एक माह में जमा करने वाली प्रतिभूति तक जमा नही हो सकी है। लिहाजा आबकारी मुख्यालय में जिलेवार बैठकें शुरु होने जा रही है। पहाड के दो जिलों को इससे छूट राजस्व शतप्रतिशत जमा होने के कारण मिल गई है।
आबकारी मुख्यालय में 24 सितंबर यानि कल से 28 अक्टूबर तक अगले चार दिनों प्रतिदिन दो दो जिलों की समीक्षा कर राजस्व कैसे जमा हो पर मंथन होगा। मार्च माह में ठेके उठान के बाद भी यदि प्रतिभूति बकाया है तो विभाग को चिंतित होना लाज्मी है। क्या बिक्री खत्म हो गई या समय समय पर सही तरीके से सख्ती नही किये जाने के कारण ये हालात पैदा हुए ये भी सवाल है। प्रमुख जिलों की बात करें दून जिले सबसे उपर बताया जा रहा है।
दून जिले में 70 करोड रूपये जमा नही कराए जा सके है। इसी प्रकार उधमसिंहनगर में करीब 30 करोड रूपये पौडी जिले में करीब 10 करोड रूपये नैनीताल जिले में करीब 13 करोड रूपये बकाया चल रहे है। हरिदार जिले में सिर्फ डेढ करोड रूपये बकाया है ये भी वो पैसा है जो कि हाल ही में आवंटित शराब ठेकों का है। ये आंकडा जिलेवार लगातार बढता ही जा रहा है।
बैठक में सर्किलवार राजस्व वसूली पर चर्चा आबकारी आयुक्त करेंगें लिहाजा डीईओ के साथ ही इंस्पेक्टर व लेखा बाबू तलब किये गये है। वर्ष 2019 2020 में जिन पर राजस्व बकाया था उनके खिलाफ दंडक ब्याज के साथ हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब किया गया है। वर्ष 2019-2020 में बकाए चल रहे किसी भी प्रकार के राजस्व की भी जानकारी जिलेवार मांगते हुये बैठक आयोजित की गई है।