देहरादून:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली में आई आपदा का दौरा करने के बाद वापस लौट आए हैं। सीएम ने कहा कि भारी नुकसान की आशांका है। उन्होंने बताया कि जो टनल बन रही थी वो करीब 250 मीटर लंबी है। उसमें जाना बहुत मुश्किल काम है। सीएम ने बताया कि प्रोजेक्ट में 35 लोग काम कर रहे थे। मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के मुआवजे का एलान किया है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास रेस्क्यू की पूरी सुविधाएं हैं। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे बात की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता लोगों को बचाने की है। 176 मजदूर काम करने के लिए निकले थे। दो टनलों में से 15 लोगों को फोन से संपर्क हो गया था। करीब 35 से 40 लोगों वहां से निकल आए थे। लेकिन, अब तक स्थिति का सही पता नहीं चल पाया है। 7 शव बरामद हो गए हैं। दूसरी टनल में मलबा अंदर तक जा चुका है। आईटीबीपी के जवानों ने बहादुरी से काम किया। सीएम ने कहा कि दिल्ली से एनडीआरएफ की एक टीम दिल्ली से पहुंच गई है। सभी डाॅक्टर और अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि पानी का बहाव अब थोड़ा कम हुआ है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आपात स्थिति से निपटने के लिए एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। 911352410197, 9118001804375, 919456596190। इन नंबरों पर फोन कर मदद ली जा सकती है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।