उत्तराखंडगढ़वालदेहरादूनबड़ी ख़बर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया उत्तराखंड के पहले डिजिटल रेडियो स्टेशन “ओहो रेडियो” का उद्घाटन|

आर.जे. काव्य की पहल OHO Radio उत्तराखंड, "मेरे हिल की धड़कन" गूंजने लगी है उत्तराखंड की वादियों में. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया उद्घाटन|

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पहले रेडियो स्टेशन “ओहो रडियो का उत्तराखंड का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया उद्घाटन| इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी नहीं भी मौजूद रहे| आपको बता दें की मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है की प्रदेश की राजधानी देहरादून में ये एक अच्छी शुरुआत है| एप्प के माध्यम से “ओहो रेडियो उत्तराखंड” को दुनियाभर में खिन भी सूना जा सकता है| मुख्यमंत्री ने कहा की मुझे आशा है की यह रेडियो स्टेशन होने कार्यक्रमो के माधयम से समाज जागरूकता लाने एवं लोगो के सुख दुःख ,दर्द एवं समस्याओ की भी उजागर करेगा| उन्होंने कहा की आज इंटरनेट के ज़माने में जब हर कोई डिजिटल माद्यम से जुड़ रहा है, ऐसे में आर.जे. काव्य द्वारा रेडियो को डिजिटल माधयम पर लाने की सराहनीय कोशिश की जा रही है| “ओहो रेडियो उत्तराखंड” के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति , परिवेश, बोलियों एवं अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा| देव भूमि के लोग आर.जे. काव्य को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. एफ.एम. रेडियो के क्षेत्र में पिछले 12 सालों में आर.जे. काव्य ने जो कुछ भी सीखा, उसे पिछले तीन सालों से उत्तराखंड की भलाई के लिए लगाया. उत्तराखंड की संस्कृति, खानपान, म्यूज़िक, पहनावा, बोलचाल – इन सारी चीज़ों की खोती हुई पहचान को बचाने के लिए आर.जे. काव्य लगातार प्रयास करते आ रहे हैं. काव्य की पहल “एक पहाड़ी ऐसा भी” को देख कर उत्तराखंड के लोगों का ख़ुद को पहाड़ी कहने का गर्व और मज़बूत हुआ. अपने पहाड़ों के लिए कुछ अलग करने का जज़्बा ही है, जिससे आर.जे. काव्य को ओहो रेडियो की शुरुवात करने की प्रेरणा मिली। अब ओहो रेडियो को सफ़ल बनाने की ज़िम्मेदारी आपकी है. आर.जे. काव्य ने कहा की “सोच लोकल, अप्रोच ग्लोबल” का विज़न लिए संगीत, साहित्य, स्पोर्ट्स, करियर, पलायन, समाज और उत्तराखंड की हर बात को ओहो रेडियो अपनी आवाज़ देगा। ओहो रेडियो उत्तराखंड का पहला डिजिटल रेडियो है, जिसे आप ओहो रेडियो का ऐप डाउनलोड कर के कहीं भी सुन सकते हैं. पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ दुनिया भर में जहां कहीं भी इंटरनेट चलता है, वहां अब आप ओहो रेडियो को सुना जा सकेगा. हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट अपने उत्तर का पुत्तर आर.जे. काव्य को देते रहिए और सुनते रहिये ओहो रेडियो उत्तराखंड, मेरे हिल की धड़कन।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
google.com, pub-3499213414506936, DIRECT, f08c47fec0942fa0