देहरादून :कोटद्वार शहर में घटी उद्योगपति के घर डकैती की वारदात के खुलासे तक कोटद्वार पुलिस पहुंच गई है। डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग की रणनीति ही लूट कांड के खुलासे में कारगर रही है ।डीआईजी की कार्यशैली से गढ़वाल क्षेत्र में पुलिसिंग को लेकर अलग ही माहौल बनता दिखाई दे रहा है ।पिछले साल सितंबर माह में कनखल क्षेत्र की शिवपुरी कॉलोनी में शराब व्यवसाई सागर जायसवाल के मैनेजर गयापाल पर गोली चला कर बाइक सवार बदमाश करीब 22:00 लाख रुपए की रकम लूट कर ले गए थे ।हरिद्वार पुलिस अब तक भी इस घटना का खुलासा नहीं कर सकी थी ।इधर पिछले माह कोटद्वार के सिताबपुर बल्ला क्षेत्र में उद्योगपति प्रमोद प्रजापति के घर अलसुबह ही डकैती की वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार होने में कामयाब रहे थे । पांच हथियारबंद बदमाशों ने उद्योगपति की मां पत्नी और बेटी को बंधक बनाकर घटना को अंजाम दिया था ।वारदात के घटित होने के बाद से डीआइजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने एक विशेष टीम वारदात के खुलासे के लिए गठित की थी ।बकायदा डीआईजी ने घटना के खुलासे के लिए अधीनस्थों के साथ रणनीति भी तैयार गई थी ।उसी का ही नतीजा है कि कोटद्वार पुलिस जल्द उद्योगपति के घर हुई डकैती का खुलासा कर सकती है ।बताया जा रहा है कि कोटद्वार ही नहीं बल्कि हरिद्वार में शराब व्यवसाई के मैनेजर से हुई लूट में भी यही बदमाश शामिल थे ।कोटद्वार पुलिस की सफलता में हरिद्वार पुलिस की नाकामयाबी साफ साफ दिखाई दे रही है। हालांकि हरिद्वार पुलिस ने वारदात के खुलासे को लेकर अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई थी क्योंकि उसकी एक बड़ी वजह घटना के खुलासे को लेकर शराब कारोबारी का पैरवी न करना का भी था।हरिद्वार पुलिस के लिए डीआइजी गढ़वाल रेंज बार-बार संकटमोचक बनकर सामने आ रही है ।चुनोती बने एक लाख के इनामी राजीव की धरपकड़ भी डीआईजी के सही दिशा निर्देशन में होना संभव हुई थी ।डीआईजी रेंज का कार्यभार संभालने के बाद से गढ़वाल परिक्षेत्र मे पुलिसिंग कि एक अलग परिभाषा गढ़ी जा रही है जिसकी सीधे-सीधे वजह डीआईजी रेंज कि अपनी एक अलग कार्यशैली है। कोटद्वार पुलिस के हत्थे चढ़े बदमाश वेस्ट यूपी से ताल्लुक रखते हैं जबकि मुख्य मास्टरमाइंड बहादराबाद क्षेत्र में किराए पर रहता था ।उसी ने ही दोनों घटनाओं का ताना-बाना बुना था।