देहरादून : कोरोनाकाल में न केवल अस्पताल का बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ बल्कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी पहले से कई बेहतर हुआ है।शासन ने नई मशीनों के लिए दस करोड़ के बजट की स्वीकृति दी है। बता दें, अस्पताल में एमआरआई मशीन करीब दो माह से खराब पड़ी है। बजट स्वीकृत हो जाने के बाद अब जल्द ही अस्पताल को मॉडर्न थ्री-टेस्ला एमआरआइ मशीन मिल जाएगी। इस मशीन से न्यूरो और गेस्ट्रो के अलावा हृदय संबंधी जाच भी की जा सकेगी।दरअसल, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की कई ‘बूढ़ी’ मशीनें अस्पताल प्रशासन के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। आए दिन मशीनें खराब होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्हीं में एक है एमआरआइ मशीन। यह मशीन तकरीबन 14 साल पुरानी है। जिसमें जब-तब खराबी आती रही है। समस्या ये है कि अब इसके पार्ट मिलने में भी मुश्किल आ रही है। ऐसे में अब नई मशीन खरीदी जा रही है। एमआरआइ इंचार्ज महेंद्र भंडारी के अनुसार सामान्य दिनों में अस्पताल में हर दिन तकरीबन 20-25 एमआरआइ की जाती हैं। नई मशीन में जांच में समय कम लगेगा। यानी कई अधिक मरीजों की जांच हो सकेगी।नई मशीन लगने से एमआरआइ के जरिए हृदय से जुड़ी बीमारियों की पहचान कर इलाज संभव हो पाएगा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि शासन स्तर से बजट की स्वीकृति मिली है। जल्द ही टेंडर किए जाएंगे। जल्द मशीन मंगवाई जाएगी, ताकि मरीजों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को तमाम अत्याधुनिक सेवाएं एक ही जगह पर मिले, इसके लिए न केवल उपचार बल्कि जांच के लिहाज से भी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।