देहरादून। आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार दिए जाने के निर्णय के खिलाफ आईएमए से जुड़े डॉक्टर शुक्रवार को 12 घंटे तक अपनी ओपीडी बंद रखेंगे। हालांकि देहरादून के सभी प्रमुख प्राइवेट व सरकारी अस्पताल पूरी तरह खुले रहेंगे और वहां ओपीडी समेत सभी सेवाएं सुचारू रहेंगी। शाम छह बजे बाद आईएमए डॉक्टरों की ओपीडी भी खुल सकती है।
शहर के प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों में शामिल मैक्स, सिनर्जी, श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल, आरोग्यधाम और हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में ओपीडी निर्धारित समय तक खुली रहेगी। शहर में रोजाना मरीजों का सबसे ज्यादा दबाव इन्हीं प्राइवेट अस्पतालों पर रहता है।
इसके अलावा जिला कोरोनेशन, दून, दून महिला, गांधी शताब्दी, रायपुर, प्रेमनगर समेत सभी सरकारी अस्पताल भी खुले रहेंगे और वहां भी मरीजों को सभी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। केवल आईएमए से जुड़े डॉक्टरों के अस्पताल और क्लीनिक में सुबह छह से शाम छह बजे तक 12 घण्टे ओपीडी बंद रहेगी। शाम छह बजे बाद इन अस्पतालों और क्लीनिक में भी ओपीडी खुल सकती है। इससे मरीजों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सचिव रूपा हंसपाल ने बताया कि भर्ती और इमरजेंसी के मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। भर्ती और इमरजेंसी मरीजों की स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेगी। आईएमए से जुड़े डॉक्टर अपनी नाराजगी ओपीडी बंद रखकर ही जताएंगे। सरकार के फैसले के खिलाफ वह कहीं भी विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे। सचिव रूपा हंसपाल ने कहा कि आईएमए आयुर्वेद का विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार को फैसला लागू करने से पहले बातचीत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी का अधिकार देना घातक भी हो सकता है। इसीलिए एलोपैथिक चिकित्सक इस फैसले पर अपना विरोध जता रहे हैं। आयुर्वेद डॉक्टरों को आधुनिक एलोपैथ चिकित्सा पद्धति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। इसके बजाय प्राचीन ज्ञान के आधार पर शल्य चिकित्सा के नए मानदंड और तरीके इजाद करने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से मनमाने फैसले लिए गए तो इससे पूरे हेल्थ सेक्टर को नुकसान उठाना पड़ सकता है।