दिल्ली

गोवा की पूर्व राज्‍यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेत्री मृदुला सिन्‍हा का निधन, पीएम मोदी और अमित शाह ने दुख जताया।

नई दिल्‍ली, एजेंसी। गोवा की पूर्व राज्यपाल, प्रख्यात साहित्यकार और वरिष्ठ भाजपा नेत्री मृदुला सिन्हा का उनके 78 वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले बुधवार को दिल्‍ली में निधन हो गया। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य और संस्कृति की दुनिया में व्यापक योगदान दिया था। 77 वर्षीय मृदुला सिन्हा बिहार में मुजफ्फरपुर की रहने वाली थी, पहले जनसंघ और फिर भाजपा से जुड़ीं। उन्होंने भाजपा की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में भी काम किया था। पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने उनके निधन पर दुख जताया है।

मृदुला सिन्हा को दिवाली की रात हृदयाघात हुआ था, जिसके बाद उन्हें फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल ले जाया गया। बुधवार दोपहर 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार परसों दिल्ली में ही किया जाएगा। मृदुला सिन्हा कालकाजी स्थित अपने आवास पर अपने बेटे बहू और दो पोतियों के साथ रहती थी। उनके बेटे नवीन सिन्हा ने बताया कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने फोन कर शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी है। पूर्व राज्यपाल का पार्थिव शरीर अभी फोर्टिस अस्पताल में ही है।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मृदुला सिन्हा जी को जनता की सेवा के लिए उनके प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा कि गोवा की पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता मृदुला सिन्हा जी का निधन बहुत दुःखद है। उन्होंने जीवन पर्यन्त राष्ट्र, समाज और संगठन के लिए काम किया। वह एक निपुण लेखिका भी थी, जिन्हें उनके लेखन के लिए भी सदैव याद किया जाएगा। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शान्ति।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि पूर्व राज्यपाल एवं साहित्यकार मृदुला सिन्हा का निधन मेरे लिए बेहद पीड़ादायक है। वे अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में हर दायित्व को निभाने में सहज और सफल रहीं। एक लेखिका के रूप में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।उनका पूरा जीवन समाज और साहित्य की सेवा के प्रति समर्पित रहा। मृदुलाजी ने हमेशा महिलाओं, वंचितों और अन्य निर्बल वर्गों से जुड़े मुद्दों को अपनी आवाज़ दी। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं उनके प्रति अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम् शांति!

भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा कि गोवा की पूर्व राज्यपाल, प्रख्यात साहित्यकार एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री मृदुला सिन्हा जी के निधन से मन व्यथित है। उनका निधन भाजपा परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं तथा शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।

जीवन परिचय

1942 में मृदुला सिन्हा का जन्म बिहार के छपरा जिले के कांटी प्रखंड निवासी राम छबिला सिंह और अनूपा देवी के घर हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा लखीसराय बालिका विद्यापीठ तथा बीए की डिग्री एमडीडीएम कॉलेज से हासिल की। इसके बाद बिहार विश्वविद्यालय से पीजी की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के बाद वह एसकेएस महिला कॉलेज, मोतिहारी में प्रोफेसर बनीं। 1959 में उनकी शादी रामकृपाल सिंह से हुई। पति-पत्नी दोनों स्थापना काल से ही जनसंघ से जुड़े थे, पर मृदुला सिन्हा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1977 में हुई।77 में केंद्र में जब पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी तो मोरारजी देसाई की सरकार में पति रामकृपाल सिंह को श्रमराज्य मंत्री बनाया गया। इसके बाद वह परिवार के साथ बिहार से दिल्ली आ गईं। 1980 में भाजपा के गठन के बाद जब महिला मोर्चा की स्थापना हुईं तो वह सह संयोजक बनीं। वह दो बार भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं। लेखन और साहित्यिक क्षेत्र में उनकी अलग पहचान रहीं। उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। मोदी सरकार ने उन्‍हें 2014 में गोवा का राज्‍यपाल बनाया था। वह बिहार से ताल्लक रखने वाली ऐसी दूसरी महिला थीं, जो राज्यपाल के पद पर पहुंचीं।

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