देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने पंचायती राज विभाग में आउटसोर्स पर काम करने वाले 95 कनिष्ठ अभियंता और 281 डाटा एंट्री ऑपरेटर नौकरी से निकालने का कड़ा विरोध किया है। गुरुवार को नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर उक्रांद ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। उक्रांद ने कहा कि जल्द ही कर्मचारियों की बहाली नहीं की गई तो उक्रांद कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
गुरुवार को उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने पंचायती राज विभाग से निकाले गए कर्मचारियों के बहाली की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर काम से हटाए गए कर्मचारियों को जल्द बहाल करने की मांग की साथ ही छह माह से रोके गए वेतन को जल्द रिलीज किया जाए। दल ने कहा कि कर्मचारियों को हटाने से उनके ओर उनके परिजन भूखमरी के कगार पर आ गए हैं। इस मौके पर शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि इन कर्मचारियों को यदि जल्दी बहाल नहीं किया गया तो दल आंदोलन को और तेज करेगा। कहा कि इन कर्मचारियों को छह माह से वेतन का भुगतान तक नहीं किया गया, जबकि पंचायती राज विभाग राज्य वित्त के कंटिजेंसी फंड से तनखा दे सकता है। कहा कि पंचायती राज विभाग में विभिन्न निर्माण कार्यों और डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए कर्मचारियों की लगातार आवश्यकता रहती है। अतः इनको बहाल करने में कोई परेशानी नहीं है। आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती हुए इन कर्मचारियों का पीएफ और ईएसआई भी अभी तक बकाया है। सेमवाल ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बजाए रोजगार छिन रही है। 23 अक्टूबर से धरने पर बैठे इन कर्मचारियों की अभी तक कोई सुध तक लेने नहीं आया है। कहा कि जल्द ही इन कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया तो उक्रांद के कार्य करता सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। इस मौके पर शिव प्रसाद सेमवाल, विजेंद्र राणा, सीमा रावत, किरण कश्यप, मोना सिंह, विवेक तंगवाल, राजेन्द्र आदि थे।