Colonel Kothiyal In Kotdwar : आज आम आदमी पार्टी ने कोटद्वार विधानसभा में आप के सैन्य प्रकोष्ठ, प्रदेश अध्यक्ष सुनील कोटनाला की अगुवाई में गौरव सेनानी मिलन समारोह का आयोजन किया जिसमें कर्नल कोठियाल मुख्य अतिथी के रुप में मौजूद रहे। कोटद्वार पहुंचने पर कर्नल कोठियाल का सभी पूर्व सेनानियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया । यहां कर्नल कोठियाल से मिलने और उनके विचारों के सुनने के लिए सैकडों पूर्व फौजी मौजूद रहे। सबसे पहले कर्नल कोठियाल ने उन पूर्व सैनिकों का सम्मान किया जिन्होंने कश्मीर में सेना में रहने के दौरान आतंकवादियों से लोहा लिया ।
Colonel Kothiyal In Kotdwar : 1962 के यु़द्ध के दौरान उन्होंने कमीशन लिया
इसके बाद उन्होंने पूर्व फौजियों को संबोधित करते हुए कहा बहुत अच्छा लगता है जब पूरे प्रदेश में अनेक लोगों से मिलने का मौका मिलता है और आज बहुत खुशी हो रही है कि आज कोटद्वार में पूर्व सैनिकों के बीच एक समारोह में खडा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता भी फौज का हिस्सा रहे हैं। वो 8 वीं गढवाल राईफल में सिपाही भर्ती हुए । 1962 के यु़द्ध के दौरान उन्होंने कमीशन लिया और सेना में अधिकारी बने । बीएसएफ में उन्होंने राईफल मैन से अपनी शुरुआत की और आईजी के पद से रिटायर हुए। मैं भी उनके कदम पर चलते हुए सेना में भर्ती हुआ।
Colonel Kothiyal In Kotdwar : कैंप में सबसे पहले पोस्टिंग मिली
आईएमए से पासआउट होने के बाद मैं आर्मी में अफसर बना और जिस कैंप में सबसे पहले पोस्टिंग मिली थी आज उसी इलाके में खडा होना गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि 27 साल की नौकरी के दौरान मुझे सेना ने हर तरह का मौका दिया जो एक सिपाही का सपना होता है। भारतीय सेना की वजह से दो बार मांउट एवरेस्ट चढने के साथ आतकंवादियों के खिलाफ आपरेशन करने का भी मौका मिला । मुझे जितने भी मैडल मिले उसमें गढवाल राईफल के जवानों का बहुत बडा योगदान है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ निर्माण ,नंदादेवी राजजात यात्रा,संयुक्त राष्ट्र इन सभी में काम करने का सिर्फ सेना के माध्यम से ही मुझे काम करने का मौका मिला।
Colonel Kothiyal In Kotdwar : यूथ फाउंडेशन जैसा संस्थान खोलने का मौका मिला
सेना में रहते हुए ही मुझे यूथ फाउंडेशन जैसा संस्थान खोलने का मौका मिला जिसके माध्यम से 10 हजार से ज्यादा युवाओं को फौज में भर्ती करवाया गया। दिल्ली में रहते हुए मैंने उत्तराखंड के बडे बडे सैन्य अधिकारियों से नौकरी के दौरान मुलाकात की। उस दौरान एनएसए अजीत डोभाल और स्व0 जनरल विपिन रावत से भी मुलाकात का मौका मिला।
2013 में जब मैं पहली बार आया तो एनआईएम में प्रिसिंपल बना । केदारनाथ का पुनननिर्माण करने के लिए मुझसे पूछा गया कि क्या आप इस काम को करोगे तो मैंने युवाओं मातृशक्ति और एक्स सर्विस मैन के साथ मिलकर सबसे बडा पुननिर्माण करके दियाया । उन्होंने कहा कि इसी दौरान मेरे पास कुछ लोग आए और अपने बच्चों के लिए मुझसे सेना में भर्ती कराने की बात कही। उसके बाद लोगों के आग्रह पर हमने कुछ युवाओं को अपने पास रखकर ट्रेंनिग दी।
Colonel Kothiyal In Kotdwar : मेरे बीजेपी कांग्रेस के नेताओं से अच्छे संबंध
उन्होंने कहा कि केदारनाथ पुननिर्माण के दौरान मेरे बीजेपी कांग्रेस के नेताओं से अच्छे संबंध रहे । वो लोग जब केदारनाथ निर्माण के बारे में कहते थे तो हम उनसे कहते थे कि किसी भी काम को करने के लिए तरकीब और नीयत की जरुरत होती है। हमने वो अपनी टीम के साथ मिलकर कर दिखाया। रिटायरमेंट के बाद मुझे एक इंटरनैश्नल प्रोजेक्ट करने का मौका मिला । यह प्रोजेक्ट बर्मा में सडक बनाने को लेकर था जो चीन के खिलाफ भारत को मजूबती के लिए था। इस दौरान अरक्कन आर्मी द्वारा हमारा किडनेप करा लिया गया और हमारे साथ के इंजीनियर की इस दौरान मृत्यु हो गई। लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी और 2 साल में सडक निर्माण का कार्य पूरा कर लिया।