उत्तराखंडदेहरादून

Harak Singh Rawat Resigned : हरक सिंह रावत का भाजपा से इस्तीफा

Harak Singh Rawat Resigned : उत्तराखंड की सियासत में काफी फेरबदल देखने को मिल रही है। यह टर्निंग पॉइंट है की कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने यह इस्तीफा शुक्रवार देर शाम मंत्रिमंडल की बैठक के बीच में दिया। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने चल रही कैबिनेट बैठक के बीच में ही टेबल पटक कर इस बात पर नाराजगी जताई कि कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का विषय क्यों नहीं कैबिनेट में आया।

Harak Singh Rawat Resigned : पत्रकारों को खुद फोन करके इस बात की जानकारी दी

जिसके बाद वह कैबिनेट से उठकर चले गए। उनके जाते ही उनके पीछे सुबोध उनियाल और धन रावत ने हरक सिंह को रोकने की कोशिश की लेकिन दोनों नाकामयाब रहे। हरक सिंह रावत ने कई पत्रकारों को खुद फोन करके इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। हालांकि बाद में यह साफ हुआ कि यह इस्तीफा अभी मौखिक रूप से हुआ है।

Harak Singh Rawat Resigned : कांग्रेस की सदस्यता लेने के आसार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह रावत के बाद उमेश शर्मा काऊ ने भी इस्तीफा दिया है यह दोनों नेता दिल्ली जा सकते हैं और कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। बताया जा रहा है कि यह सब पहले से फ्री प्लान था और हरीश रावत से पूरी बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है। हालांकि हरक सिंह रावत ने अपना इस्तीफा मौखिक रूप से दिया है और कैबिनेट से चले जाने के बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने हरक सिंह रावत को काफी मनाया और उन्हें फोन भी किया लेकिन हरक सिंह रावत नहीं माने और उसके बाद हरक सिंह रावत का मौखिक रूप से इस्तीफा माना जा रहा है।

Harak Singh Rawat Resigned : उत्तराखंड राज्य की सियासत

कुछ लोग जो कि हरक सिंह रावत के काफी करीबी है वो बता रहे हैं कि हरक रावत का यह केवल और केवल प्रेशर पोलटिक्स का दांवपेंच है और वह कोटद्वार मेडिकल सीट सहित कुछ और एडजस्टमेंट के बाद मान जाएंगे और भाजपा के लोग उन्हें मना लेंगे। बताया यह भी जा रहा है कि रात में ही विधायक उमेश काऊ और हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मिले और कुछ चीजों को लेकर एडजस्टमेंट हो गयी है और अंततः सब पहले की तरह सामान्य हो जाएगा। लेकिन हमें नही भूलना चाहिए कि यह उत्तराखंड राज्य की सियासत है और यह राज्य भले ही छोटा है लेकिन लेकिन यंहा सियासी उठापटक का इतिहास हमेशा हाई प्रोफाइल रही है और यंहा कुछ भी हो सकता है।

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