उत्तराखंड – उत्तराखंड के पुलिस महकमें में राज्य के सत्ताधारी विधायकों की कुछ ज्यादा ही दखलअंदाजी देखने को मिल रही है । जी हां पुलिस महकमे में आजकल विधायक अपने दम पर तबादले करा रहे है । गौर करने वाली बात यह है कि कभी तबादला विधायक दुश्मनी निभाने के लिए कराते है तो कभी अपनी यारी निभाने के लिए । लेकिन तबादला विधायक अपनी सत्ता की ताकत के दम पर कराते है , यह बात पक्की है।सबसे पहले बात करते हैं रुड़की के विधायक प्रदीप बत्रा की जिन्होंने हाल ही में मसूरी के दरोगा नीरज कठैत का तबादला इसलिए करा दिया क्योंकि दरोगा ने विधायक का मास्क ना पहनने के चलते चालान कर दिया था ।
वहीं दूसरी ओर उधम सिंह नगर में सिपाही और दरोगा के तबादले की खबर मैं भी विधायक का हस्तक्षेप दिखा दरअसल हाल ही में उधमसिंह नगर के विधायक का लेटर हेड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है । इस लेटर हेड के वायरल होने की मुख्य वजह यह है कि इस लेटर हेड में उधमसिंह नगर के विधायक ने जिले के एसएसपी को कई दरोगा और सिपाहियों की पोस्टिंग के लिए सिफारिश की है । गौर करने वाली बात यह है की सिफारिश के आधार पर एसएसपी ने कई दरोगा और सिपाहियों की पोस्टिंग भी की थी । लेकिन अब सोशल मीडिया पर यह मुद्दा और विधायक का लेटर हेड खूब वायरल हो रहा है जिसके चलते इस मामले की जांच आईजी कुमाऊं रेंज को सौंप दी गई है ।दूसरी ओर पुलिस मुख्यालय इस मामले को गंभीरता से ले रहा है । डीआईजी कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे की माने तो इस पूरे मामले की जांच होने के बाद सिफारिशें पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।इन दोनों मुद्दों को ध्यान से पढ़ने के बाद यह सवाल जेहन में आता है कि क्या वाकई उत्तराखंड में विधायकों को इतनी ताकत दी गई है कि वे कानून व्यवस्थाओं के साथ इस तरह खिलवाड़ कर सके ?