पुणे जिले के एक अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची वेदिका शिंदे को मृत घोषित कर दिया। बच्ची के पिता ने सोमवार को इस बारे में बताया कि दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए क्राउड फंडिंग और इसी तरह दान में मिले पैसों से 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन खरीदा गया था। परंतु कई दिनों से अपनी बीमारी से लड़ रही बच्ची आखिर में अनंत में विलीन हो गई। एक वर्षीय बच्ची वेदिका शिंदे की मौत के कुछ घंटे पहले ही उसके परिवार के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर उसकी सेहत में सुधार होने की जानकारी देते हुए तस्वीरें और वीडियो अपलोड किए थे।
वेदिका स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) टाइप वन से पीड़ित थी। रविवार शाम करीब 6 बजे पिंपरी चिंचवाड़ इलाके के भोसरी के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। यहां घर पर सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था।वेदिका की दुर्लभ बीमारी और इलाज की जरूरत से जुड़ी पोस्ट जब सोशल मीडिया पर साझा की गईं तो कई यूजर्स ने आगे बढ़कर मदद की। इस तरह 14 करोड़ रुपये की राशि दान में मिली। इसके बाद जून में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में इलाज के लिए उसे इंजेक्शन लगाया गया था।वेदिका के परिजनों के अनुसार, उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था। दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में वेदिका का इलाज कर चुके एक डॉक्टर ने कहा कि बच्ची की मौत ‘फीड एस्पिरेशन’ के कारण हुई, जो कि फीडिंग प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली अनियमितता के लिए प्रचलित एक चिकित्सकीय शब्द है।